वानस्पतिक नाम - लॉसनिया इनर्मिस
उत्पत्ति - इसकी उत्पत्ति भारत से हुई है।
निष्कर्षण की विधि और प्रयुक्त पौधे का भाग - इसे हाइड्रो डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से हिना के शुद्ध फूलों से निकाला जाता है।
गुण - गुल हिना अत्तर का रंग हल्का पीला होता है।
सुगंध - इसमें अद्भुत मीठी सुगंध है
इंटीग्रेंट्स - इसके मुख्य घटक हिना फूल आवश्यक तेल और चंदन आवश्यक तेल हैं।
चिकित्सीय गुण - गुल हिना अत्तर में एंटीस्पास्मोडिक, एंटीसेप्टिक, कसैले और ज्वरनाशक चिकित्सीय गुण होते हैं।
के साथ अच्छी तरह से मिश्रण - यह आमतौर पर हिना ज़फ़रानी के साथ अच्छी तरह से मिश्रित होता है
सावधानियां - यह गैर विषैले है, इसलिए इसे सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है।
गुल हिना अटारी
चंदन के तेल के आधार पर हिना के शुद्ध फूलों से हाइड्रो डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से निकाले गए, गुल हिना अत्तर का व्यापक रूप से सुगंध और तंबाकू उद्योग में उपयोग किया जाता है। इसकी अद्भुत सुगंध के कारण इसका उपयोग अरोमाथेरेपी और आयुर्वेदिक उत्पादों में भी किया जाता है। प्राचीन काल से, यह एक प्राकृतिक हेयर डाई के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।